अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार ने सुशांत सिंह की लंदन से LL.M. पढ़ाई में बड़ी मदद की, जबकि सच्चाई में सरकार ने केवल 5 लाख रुपए की मामूली सहायता दी। असली खर्च दलित समाज ने Crowd Funding के जरिए पूरा किया। सुरज बौध ने इस झूठे दावे का विरोध करते हुए इसे चुनावी लाभ के लिए सच्चाई से खिलवाड़ बताया और समाज के योगदान को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान यह दावा किया कि उनकी सरकार ने सुशांत सिंह, जिन्होंने लंदन से LL.M. की डिग्री हासिल की, की पढ़ाई में मदद की थी। इस मौके पर सुशांत सिंह ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता ग्रहण की, और केजरीवाल ने इसे अपनी सरकार की “विशेष उपलब्धि” के रूप में प्रचारित किया। लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। यह दावा न केवल भ्रामक है बल्कि दलित समुदाय की मेहनत और संघर्ष का सीधा अपमान भी है।
“48 घंटे में माफी मांगें केजरीवाल-मान, नहीं तो सख्त कार्रवाई होगी”: प्रवेश वर्मा का अल्टीमेटम
इस पूरे मामले में सुरज बौध, जो दलित समाज के एक प्रखर वक्ता और लेखक हैं, ने खुलकर अपनी बात रखी और केजरीवाल सरकार के झूठे दावों का पर्दाफाश किया। उन्होंने अपने लेख में इस बात पर जोर दिया कि सुशांत सिंह की पढ़ाई मुख्य रूप से समाज के योगदान से संभव हुई, न कि AAP सरकार की मामूली आर्थिक सहायता से।
जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा योजना: दिखावा या वास्तविक मदद?
दिल्ली सरकार द्वारा शुरू की गई “जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा योजना” के तहत वंचित वर्गों के छात्रों को विदेशी शिक्षा के लिए सहायता दी जाती है। लेकिन यह सहायता मात्र 5 लाख रुपए तक सीमित है, जो कि विदेश में उच्च शिक्षा के लिए बेहद अपर्याप्त है। सुशांत सिंह को भी इस योजना के तहत केवल 5 लाख रुपए की मदद मिली थी।
हालांकि, लंदन में LL.M. जैसी महंगी पढ़ाई के लिए लाखों रुपए की जरूरत थी। 2021 में सुशांत सिंह ने Crowd Funding का सहारा लिया और ‘मिलाप’ जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आर्थिक सहायता के लिए अपील की। इस अपील का जवाब देते हुए देशभर के दलित समाज के लोगों ने उनकी मदद की। उन्होंने छोटे-बड़े दान देकर लाखों रुपए इकट्ठे किए, जिससे उनकी शिक्षा संभव हो पाई।
सुरज बौध का विरोध: समाज की आवाज बनकर उभरे
जब केजरीवाल सरकार ने सुशांत सिंह की पढ़ाई का श्रेय लेने की कोशिश की, तो सुरज बौध ने अपने लेख और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस झूठे दावे का विरोध किया। उन्होंने लिखा कि यह न केवल एक राजनीतिक झूठ है, बल्कि दलित समाज की भावनाओं और योगदान का अपमान भी है।
सुरज बौध ने इस बात पर जोर दिया कि AAP सरकार ने केवल 5 लाख रुपए की मामूली मदद की, जबकि बाकी खर्च समाज के योगदान से पूरा हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने वास्तविक तौर पर कोई बड़ी मदद नहीं की, तो केजरीवाल किस आधार पर इसे अपनी सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं? सुरज बौध का यह विरोध न केवल एक साहसिक कदम था, बल्कि यह समाज की ओर से एक सच्ची आवाज भी थी।
केजरीवाल सरकार की मंशा पर सवाल
केजरीवाल सरकार का यह दावा स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया था। उन्होंने इस घटना को दलित समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण बताने की कोशिश की। परंतु हकीकत यह है कि उनकी सरकार की नीतियां केवल दिखावे तक सीमित हैं। विदेशी शिक्षा जैसी योजनाओं के लिए जो आर्थिक सहायता दी जाती है, वह नाम मात्र की है और छात्रों की वास्तविक जरूरतें पूरी करने में नाकाफी है।
सुरज बौध ने अपने लेख में इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पहली बार नहीं है जब केजरीवाल सरकार ने इस तरह के झूठे दावे किए हैं। उन्होंने लिखा कि यह सरकार केवल प्रचार और छवि निर्माण में लगी रहती है, जबकि हाशिए पर खड़े समाज की असली समस्याओं को नजरअंदाज कर देती है।
दलित समाज का योगदान: सच्चाई को अनदेखा करना अनुचित
सुरज बौध ने अपने लेख में यह भी बताया कि कैसे दलित समाज ने सुशांत सिंह की पढ़ाई के लिए अपना योगदान दिया। उन्होंने लिखा कि यह समाज की एकजुटता और संघर्ष का नतीजा था कि सुशांत सिंह लंदन में पढ़ाई कर पाए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब समाज ने मुख्य भूमिका निभाई, तो केजरीवाल सरकार इसे अपना श्रेय क्यों दे रही है?
सुशांत सिंह की जिम्मेदारी: सच्चाई बताना जरूरी
सुरज बौध ने अपने लेख में सुशांत सिंह से भी सवाल पूछे। उन्होंने लिखा कि यह सुशांत की जिम्मेदारी थी कि वह समाज के प्रति सच्चाई जाहिर करते और बताते कि उनकी पढ़ाई में असली योगदान किसका था। उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह को AAP की राजनीति का हिस्सा बनने के बजाय अपने समुदाय के संघर्ष को स्वीकार करना चाहिए था।
सच्चाई और न्याय की मांग
केजरीवाल सरकार का यह झूठा दावा न केवल समाज की मेहनत का अपमान है, बल्कि यह राजनीति के नाम पर सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास भी है। सुरज बौध जैसे जागरूक लोगों ने इस झूठ का पर्दाफाश कर यह दिखा दिया है कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी कितनी गहरी है। यह समय है कि समाज ऐसे झूठे दावों का विरोध करे और सच्चाई को सामने लाए।
Kejriwal Sarkar: दिल्ली में अब सीधे नल से शराब, गंदा पानी, टूटी सड़कें और सीवर ओवरफ्लो से जनता बेहाल
“केजरीवाल सरकार को अपनी छवि बनाने के लिए झूठे दावे करना बंद करना चाहिए और समाज के वास्तविक योगदान का सम्मान करना चाहिए। सुरज बौध ने जो सच्चाई उजागर की है, वह हर जागरूक नागरिक के लिए प्रेरणा है।”
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।