बस्ती जिले में अनुसूचित जाति के 14 वर्षीय किशोर को सजातीय दबंगों ने जन्मदिन पार्टी के बहाने बुलाकर निर्वस्त्र कर पीटा, चेहरे पर पेशाब किया और वीडियो बनाया। वीडियो वायरल करने की धमकी से आहत किशोर ने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया।
UP News: बस्ती जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें अनुसूचित जाति के 14 वर्षीय किशोर के साथ सजातीय दबंगों द्वारा अत्याचार की सभी हदें पार कर दी गईं। संत कबीर नगर के निवासी और अपने मामा के घर रह रहे इस किशोर ने आरोपियों की बर्बरता से तंग आकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद इलाके में गुस्से का माहौल है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
जन्मदिन पार्टी के बहाने बुलाकर रची गई साजिश
पीड़ित किशोर मूल रूप से संत कबीर नगर जिले के निघरी गांव का निवासी था और अपने मामा के पास कोइलपुर गांव में रह रहा था। 20 और 21 दिसंबर की दरमियानी रात गांव के ही विनय कुमार ने उसे जन्मदिन पार्टी के बहाने बुलाया। जब वह वहां पहुंचा, तो चार लोग पहले से मौजूद थे। किशोर की मां ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसके बेटे को निर्वस्त्र कर बुरी तरह पीटा, उसके चेहरे पर पेशाब किया, और इस अमानवीय कृत्य का वीडियो भी बनाया।
वीडियो वायरल करने की धमकी और आत्महत्या का कारण
परिजनों का कहना है कि किशोर ने इस घटना के बाद आरोपियों से वीडियो डिलीट करने की गुजारिश की। इसके बदले उसे थूक चटाया गया और वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। घटना से आहत होकर किशोर ने परिजनों को पूरी बात बताई। परिजनों ने तुरंत कप्तानगंज थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
परिवार का संघर्ष: शव लेकर थाने पहुंचे परिजन
किशोर ने 23 दिसंबर को करीब एक बजे फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। इससे गुस्साए परिजन सोमवार को शव लेकर कप्तानगंज थाने पहुंच गए और न्याय की मांग की। घंटों इंतजार के बाद भी पुलिस की ओर से ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर वे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हुए।
पुलिस की कार्रवाई: चार आरोपियों की गिरफ्तारी, थाना प्रभारी निलंबित
पुलिस अधीक्षक कृष्ण गोपाल चौधरी ने बताया कि इस मामले में चार आरोपियों, विनय कुमार, सोनल, काजू प्रसाद और आकाश प्रसाद, को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2), 352, 351(3), और 108 के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, कप्तानगंज थाना प्रभारी दीपक कुमार दुबे को निलंबित कर दिया गया है।
इलाके में तनाव, पर कार्रवाई का आश्वासन
घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति है। पुलिस ने मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। एसपी चौधरी ने कहा कि घटना में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
जातिगत भेदभाव और प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना ने न केवल जातिगत भेदभाव की समस्या को उजागर किया है, बल्कि पुलिस की लापरवाही को भी सवालों के घेरे में ला दिया है। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो किशोर की जान बचाई जा सकती थी।
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आरोपियों को कड़ी सजा की मांग
इस घटना के बाद से दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और भरोसा दिलाया है कि दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।
यह घटना न केवल बस्ती जिले बल्कि पूरे समाज को झकझोरने वाली है। यह सवाल उठता है कि ऐसे अमानवीय कृत्यों पर रोक लगाने के लिए समाज और प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए।
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